प्रशांत रायचौधरी
शहर जब ठंड के आगोश में हो, ठंडी हवा की दादागिरी चल रही हो, ऐसे में संगीत कार्यक्रम में गर्माहट मिले तो खुद को धन्य मानना चाहिए। *जाल सभागृहइंदौर* में ऐसा ही हुआ। संगीत सरोवर अनाकार म्यूजिक व स्टार फैन क्लब के स्वरगंगाशीर्षक के कार्यक्रम में *युवा सिंगर्स ने पॉप और क्लासिकल का ऐसा तड़का परोसा कि तालियों की अविरल* गड़गड़ाहट से ऑल गुंजायमान होता रहा। हैदराबाद की स्वाति बेक्कले, मुंबई के संतोष देशपांडे, वडोदरा की अनुभा खाडिलकर पेंडसे और इंदौर के रॉकस्टार मनीष शुक्ला और युवा क्लासिकल स्टार राहुल राज विश्वकर्मा ने बेहतरीन अदायगी से खूब तालियां बटोरी। अभिजीत गौड़ के निर्देशन में म्यूजिशियंस भी छाए रहे।
मुंबई के संतोष देशपांडे ने राग मालकोस में अखियां संग अखियां गाना सुनाया तो घुंघरू, तबला और ड्रम का बहुत बढ़िया उपयोग हुआ। राहुल राज ने भी राग दरबारी पर आधारित _*आज मोरे पिया घर आयो रे_* गाने को खूब अच्छे से निभाया।
मनीष शुक्ला का मेरी उमर के नौजवानों और चाहिए थोड़ा प्यार अगर पहले होता तो अच्छा रहता। लोग रुके रहते। बहरहाल, हैदराबाद की स्वाति ने राहुल राज के साथ फिल्म भूल भुलैया का गाना मेरे ढोलना गाकर सबसे ज्यादा तालियां बटोरी। स्वाति ने जहां क्लासिकल रेंज दिखाई वही मैं ख्वाबों की शहजादी, हवा हवाई गाकर बताया कि वे ऑलराउंडर है। स्वाति ने प्यार हुआ चुपके से और मनीष शुक्ला के साथ ये हंसी वादियां, ये खुला आसमां गाकर अपने टैलेंट का परिचय दिया।
राहुल राज विश्वकर्मा क्लासिकल एक्सपर्ट है। उन्होंने आज मोरे पिया घर आयो रे और नैना मिलाइके गाकर महफिल लूट ली।
इंदौर/वडोदरा की अनुभा खाडिलकर पेंडसे ने माय हार्ट इज बीटिंग, तू जहां जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा बहुत अच्छे से गाया। संतोष देशपांडे ने भी झनक झनक तोरी बाजे पायलिया , सचिन वाघ और अनुभा ने तेरे लिए जानम तेरे लिए अच्छे से गाया।
भीषण ठंड के बावजूद हॉल भरा हुआ था। लोग निर्धारित समय पर आ गए थे लेकिन कार्यक्रम देर से शुरू हुआ। श्रोताओं के समय की अगर कीमत नहीं होगी तो हाल अच्छे गानों के बावजूद समय से पहले आधा खाली हो जाना लाजमी है। इस कार्यक्रम से जुड़े एक आयोजक मंच पर इतने लोगों को बुला लेते हैं कोफ्त होने लगती है।
कार्यक्रम का संचालन मोनिका व्यास ने बहुत अच्छे से किया लेकिन शब्दों में अंग्रेजी घोलने की जरूरत क्या थी। हां कार्यक्रम देर से शुरू हुआ तो थोड़ा कम बोलना चाहिए था । बार-बार संगतकारों का नाम गलत बोलना प्रैक्टिस की कमी लगी। और हां कोरस टीम को ज्यादा प्रैक्टिस करवानी चाहिए थी।( _समीक्षक दैनिक भास्कर के पूर्व न्यूज एडिटर हैं)
- 20 March, 2023
