प्रशांत रायचौधरी
इंदौर । मेगास्टार प्रोग्राम में आए श्रोताओं को ऐसी गीतमाला का आनंद मिला जो कई दिनों तक भुलाई नहीं जा सकेगी। मीठी आवाज़ों और कसावट भरे आर्केस्ट्रा ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। विक्रम बजाज ,संजय मंडलोई, पंकज भिटे और विशाल यादव धूम-धड़ाके वाले गीतों से छा गए तो राजेंद्र केकरे और पंकज बंसोड़े की आवाज में सुकून देने वाली शीतलता थी। विक्रम बजाज का बॉडी लैंग्वेज व ड्रेस काफी आकर्षक है। उन्होंने जैसे ही _सारा जमाना हसीनों का दीवाना_* गाया तो श्रोता विक्रम के दीवाने हो गए। उन्होंने सभी गानों को खूब अच्छे से निभाया। आंखों में चश्मा लगाकर और कमर मटकाते हुए उन्होंने श्रोताओं को बांधे रखा। विक्रम ने इसके बाद ‘ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना’,सलामे इश्क मेरी जान *(भावना प्रधान के साथ ),’रोते हुए आते हैं सब” गाकर तालियां बटोरीं।
विशाल यादव भी श्रोताओं को खूब पसंद आए।”आज रपट जाए तो'(बीना के साथ) से शुरुआत की। उन्होंने मंजिलें अपनी जगह रास्ते अपनी जगह गाया जिसे पसंद किया गया।विशाल ने महू की नेहा पवार के साथ परदेशिया ये सच है पिया व कार्यक्रम के अंत में खईके पान बनारस वाला को अच्छे से निभाया। खईके पान बनारस वाला में तो सारे सिंगर मंच पर आ गए थे व सभी ने एक स्वर में गाकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। सभी गानों व गायकों का वर्णन संभव नहीं है लेकिन कुछ गानों का जिक्र करूंगा। जैसे राजेंद्र केकरे ने मैं पल दो पल का शायर हूं व छूकर मेरे मन को, संजय मंडलोई ने अपनी तो जैसे तैसे थोड़ी ऐसे वैसे, पंकज भिटे-बीना ने मच गया शोर सारी नगरी में,महू के पंकज बंसोड़े ने पग घूंघरू बांध गाने से श्रोताओं का दिल जीत लिया। इन गानों पर खूब तालियां बजीं। फीमेल सिंगर वैशाली,नेहा पवार व बीना जी ने भी डुएट सिंगिंग में खूब साथ निभाया। कार्यक्रम का आयोजन एसएसईसी संस्था ने किया जिसके प्रमुख मंजीत सिंह खालसा व अमन काजी जी हैं। इन्होंने गानों का चयन बहुत बढ़िया किया। म्युजिशियंस ने भी खूब साथ निभाया।

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