डॉ. प्रतिभा जैन
(होम्योपैथ डॉक्टर, लेखिका, अष्टमंगल मेडिटेशन शिक्षिका होने के साथ ही “मन की थाह” नाम से लोकप्रिय पॉडकास्ट भी करती हैं।)
सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ
विजयादशमी यानी की दशानन रावण पर पुरषोत्तम राम की जीत । इस दिन रावण ,मेघनाथ तथा कुम्भकरण के प्रतीकात्मक पुतले का दहन किया जाता है । परंतु क्या वास्तव में हम रावण को जलाने जाते हैं ? बच्चे अवश्य उनको भस्म होते हुए देख खुश होते हैं ,किन्तु बड़े क्यों प्रसन्न होते हैं?
….. क्योंकि शायद.. शायद उन्हें जलता हुआ देखकर हम मन ही मन स्वयं की बुराइयों को आग में स्वाहा होते हुए, दृष्टित करते हुए हर्षित होते हैं । उन सभी लोगों के बुरे वचनों को आग में समर्पित करते हैं जो बारंबार मन को कचोटते हैं ।उन दबंगों को हारता हुआ सोचकर संतुष्ट होते हैं जिन्हें असल जीवन में हम खुद हरा नही सकते …. शायद !
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