प्रशांत रायचौधरी
इंदौर। 29 अगस्त सोमवार की शाम को आधे घंटे तक हुई तेज बारिश के बाद इंदौर के प्रीतमलाल दुआ सभागृह में संगीत की ऐसी ही तेज बारिश हुई जिससे श्रोता तरबतर हो गए। राजेश म्यूजिक एकेडमी के बैनर पर सुरों की बरखा ने हर गाने पर श्रोताओं का दिल तो जीता ही, साथ ही शानदार और यादगार संगीत कार्यक्रमों की फेहरिस्त में इसे याद किया जाता रहेगा।
सात सुरों से सजी इस महफिल की तैयारी कितनी उम्दा थी, यह गीतों के चयन और उसे स्वरों में ढालने वाली गायिकाओं की प्रस्तुति से साबित हो गया। राज राजेश्वरी, शिवानी दसोरे, मनीषा यादव, शबनम वर्मा, मोनिका व्यास, पिंकी श्रीवास्तव, सुमित्रा जोशी ने सात सुरों की मेडले से जो शुरुआत की थी उसे अंत तक निभाती रहीं। सातों सिंगर बहुत अच्छी सहेलियां भी हैं और इनका एक ग्रुप है जिसका नाम तितलियां है। इन तितलियों को राजेश चतुर्वेदी जी का साथ मिला और सुरों की बरखा हुई। पिंकी श्रीवास्तव ने जैसे ही ‘हमें तुमसे प्यार कितना यह हम नहीं जानते, मगर जी नहीं सकेंगे तुम्हारे बिना ‘ गाया सभागृह देर तक तालियों की आवाज से गूंजता रहा। परवीन सुल्ताना के इस गाने को पिंकी ने बखूबी निभाया। वे अलग-अलग अंदाज में दिखीं, कभी गंभीर तो कभी चुलबुली। उन्होंने ‘जल बिन मछली, नृत्य बिन बिजली’ भी खूब अच्छे से गाया। राज राजेश्वरी ने ‘मिलो ना तुम तो हम घबराए’ और ‘ चलो सजना जहां तक घटा चले ‘ गाने में खूब दाद बटोरी। शिवानी दसोरे ने ‘गीत तेरे साज का, तेरी ही आवाज हूं’ और ‘ठंडी हवा छू गई’ बखूबी गाया। मोनिका व्यास ने’ कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है’ गाने के बाद धूम धड़ाका वाला गाना ‘ये मेरा दिल प्यार का दीवाना ‘ गाकर अपनी गायन कला का शानदार परिचय दिया।
मोनिका व्यास
शबनम वर्मा ने भी कई गाने गाए जिसमें सबसे अच्छा मुझे लगा ‘वो हसीन दर्द दे दो जिसे मैं गले लगा लूं’। सुमित्रा ने ‘अंखियों के झरोखों से’ और ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे ‘ गाकर तालियां बटोरी। सातवीं सिंगर मनीषा यादव ने ‘आगे भी जाने ना तू’ खूब अच्छे से गाया। वैसे मनीषा जी के गानों का चयन थोड़ा और अच्छा होना चाहिए था। कार्यक्रम में कई डुएट भी हुए।
सुमित्रा जोशी, पिंकी श्रीवास्तव
सातों स्वरों में एक स्वर और जोड़ देना बेहतर होगा संचालन करने वाली प्रीति दुबे का। गायिकाओं के साथ उन्होंने भी मंच से माहौल को बहुत बेहतरी से बांधे रखा। कुल मिलाकर यह मन को खुश करने वाला बहुत बढ़िया संगीत पैकेज था।
प्रीति दुबे