डॉ. वर्षा महेश,मुंबई ,
भारतीय सिनेमा कला और संस्कृति को समर्पित एक अनूठा मंच जहां जाने कितने सितारों ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया है पर बात जब भारतीय अभिनेत्रियों की होती है तो ऐसे कुछ नाम जगजाहिर है जिन्होंने प्रीत और रीत दोनों का दामन थामकर भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है, तो चलिए एक मुलाकात इन नाजनीनों से….
चाहा, पाया और निभाया! सलामे सायरा..
दोस्तों, जब मशहूर अभिनेता दिलीप साहेब ने इस दुनिया को अलविदा किया तो हर व्यक्ति की जुबां पर दिलीप कुमार के अभिनय और निजी ज़िंदगी के चर्चे थे। अपने से उम्र में लगभग 20 साल छोटी सायरा बानो से निकाह करना और ताउम्र एक दूजे को शिद्दत से प्यार करना बस इतना ही अफसाना था फिल्मी दुनिया के दिलीप कुमार का।
लेकिन बात अगर सायरा बानो कि की जाय तो हकीकत इससे बड़ी है दोस्तों! सायरा हिंदुस्तानी औरतों का वो गुरुर बन गई जिसे सदियों तक भुला पाना मुश्किल है।हम सभी जानते हैं कि दिलीप साहेब काफ़ी अरसे से बीमार थे परंतु सायरा जी ने इस बात का कभी कोई दर्द या शिकायत नहीं की वो साया बनकर दिलिपकुमार के साथ रहीं, उनका हाथ सदा दिलीप जी के हाथों का सहारा बना रहा मानो यूसुफ पठान को प्यार करना ही उनकी ज़िंदगी का मक़सद था।
सायरा छोटी उम्र से ही दिलीप कुमार को अपना दिल दे बैठी थी और दिलीप कुमार को पाने के बाद उन्होंने ज़िंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सायरा बानो कभी मां नहीं बन पाई परंतु वो दिलीप साहेब के प्यार में इस कदर डूबी रहीं कि उन्हें निसंतान होने का कभी कोई मलाल नहीं हुआ उन्होंने अपना पूरा जीवन हंसते – मुस्कुराते दिलीप साहेब के नाम कर दिया था शायद मोहब्बत इसी को कहते हैं।
अब चाहे मां रूठे या बाबा, यारा मैंने तो हां कर दी… शर्मिला टैगोर
निजी जीवन के उत्कर्ष की इस श्रृंखला में दूसरा नाम है कश्मीर की कली,हर दिल अजीज शर्मिला टैगोर का। बंगाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाली शर्मिला को खुद भी नहीं पता था कि नवाब पटौदी का दिल उन पर आ जाएगा ,हालांकि उनके पूरे परिवार सहित समूचे बंगाल ने इस रिश्ते पर उंगलियां उठाई परंतु शर्मिला टैगोर अपने फैसले पर अड़ी रही और पूरे यकीन के साथ नवाब पटौदी की बेगम बनी। शादी के बाद अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सफलतम पारी खेलने वाली शर्मिला जितनी बेजोड़ अदाकारा है उतनी ही अच्छी मां और एक बेहद समझदार सास हैं। करीना कपूर ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि शर्मिला जी सास कम दोस्त ज्यादा हैं।
अब तो तुमसे हर खुशी अपनी… जया भादुड़ी बच्चन
फिल्मी दुनिया की चकाचौंध में निजी जीवन में श्रेष्ठता का परचम फहराने वाली जया भादुड़ी से दर्शक वर्ग बहुत प्रभावित है। मिली, गुड्डी, जंजीर और अभिमान जैसी फ़िल्मों में अभिनय कर जया ने फिल्मी दुनिया में अपना एक विशेष मुकाम हासिल किया लेकिन एक बार जो अमिताभ बच्चन से गठबंधन जोड़ा तो हंसते – हंसते सब कुछ पीछे छोड़ दिया।
पति की सफलता को अपनी सफलता मानकर जया बच्चन ने ये साबित कर दिया कि हिंदुस्तान की नायिकाएं केवल परदे पर नहीं अपितु अपनी निजी ज़िंदगी में भी एक आदर्श बहुत, ज़िम्मेदार पत्नी और ममतामय मां के क़िरदार में सटीक बैठती हैं।
दीदी तेरा देवर दीवाना, मेरा पिया घर.. माधुरी दीक्षित नेने
हो रामजी जैसे गीतों के संग परदे पर अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ने वाली माधुरी दीक्षित नेने की पूरी दुनिया दीवानी हैं। माधुरी उस नायाब व्यक्तिव की मलिका है कि जिसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। घर, परिवार, फ़िल्में, बच्चे और पति गजब का संतुलन बिठाया है माधुरी जी ने अपनी व्यक्तिगत और व्यवसायिक ज़िंदगी में। बढ़ती उम्र के साथ न तो उनकी सुंदरता कम हुई न हीं अदाएं। भारतीय सिनेमा की इन अदाकारों को हम दिल से नमन करते हैं।
और इसीलिए भारतीय सिनेमा सदैव अपना परचम फहराते हुए अजर-अमर रहेगा।