वर्षा उपाध्याय, तिलक नगर, इंदौर , इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे, क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे। वतन की मोहब्बत हम में खुद को तपाये बैठे है, हम मरेंगे तो वतन के लिए ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।