सुषमा शुक्ला,बख्तावरराम नगर, इंदौर

ओ देश मेरे, तेरी शान पर सदके ,

 कोई धन है क्या,

 तेरी धूल से बढ़ के,

 तेरी धूप से रोशन तेरी हवा पर जिंदा,

 तू बाग है मेरा,

मैं हूं तेरा परिंदा,

जय हिंद जय भारत

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