प्रीति रांका, अनुराग नगर,इंदौर ,

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी है,

जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं.

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,

देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,

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