नवनीत जैन,स्कीम नं 54 विजयनगर, इंदौर वतन की सर बुलंदी में, हमारा नाम हो शामिल, गुजरते रहना है हमको सदा ऐसे मुकामों से..!! वतन हमारा ऐसा कोई ना छोड पाये, रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये, दिल एक है जान एक है हमारी, हिन्दुस्तान हमारा है यह शान है हमारी..!!