प्रो. डॉ उषा गौर, प्रेमनगर, इंदौर , आजादी की कभी शाम ना होने देंगे, शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे, बची है जो एक भी बूंद लहू की तब तक, भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे..!!