डॉ. गरिमा मिश्र “तोष”
अंग्रेजी साहित्य में एमए, लेकिन रचनात्मकता और मन के भावों को हिन्दी साहित्य में बखूबी व्यक्त करती हैं। शास्त्रीय संगीत गायन विधा में विशारद, कई किताबों का प्रकाशन एवं साहित्य के क्षेत्र में कई सम्मान प्राप्त।लगभग अठारह वर्षों से सतत रचनात्मक ,आध्यात्मिक आत्मिक एवं संबंधात्मक गतिविधियों एवं उन्नयन हेतु सेवारत।
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इस बार मनकहि में भारत, मेरे अपने देश से जुड़ी हुई कुछ अपनी भावनाओं को मैं सांझा कर रही हूँ
मैं भारत देश की रहने वाली हूं जहां की संस्कृति परंपरा और सांस्कृतिक भावनाओं पर सदैव ही कहा सुना जाता रहा है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा और विशाल घनी आबादी वाला देश है जिसकी अपनी इतिहास की एक श्रृंखला है जो कि एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहां पर हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्मों को समान मान्यता मिलती है ।
मेरे देश में हर राज्य की अपनी एक अलग भाषा है जिसको उसकी प्राचीनता और उसकी सभ्यता के साथ विश्व में पहचाना जाता है। सबसे बड़ी लोकतांत्रिक सत्ता के तौर पर हम भारत को देखते हैं ,कहा जाता है कि सूर्य का प्रथम स्पर्श जहां पहले होता है और जहां संस्कार सभ्यता और सफलता के बहुतेरे मानदंड हैं अनेको ऐतिहासिक तत्व सत्व इमारत और स्मारक हैं ,जिसकी वजह से यह समस्त विश्व में पर्यटन का भी एक केंद्र बिंदु है ।
यहां की सभ्यता में संस्कारों के साथ साथ सामाजिक धार्मिक साहित्य और कला , उसकी बहुत बड़ी भूमिका रही है, साहित्य में समस्त भाषाओं में कई मौलिक रचनाएं ऐसी हैं जिनके द्वारा हम भारत की पौराणिक सैद्धांतिक आधार भूत सभ्यता केंद्रों को समझ सकते हैं ।
मेरे देश में गणित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रथम दृष्टया खोज की गई हैं ,जैसे सूर्य और दशमलव पद्धति का आविष्कार । भारतीय संगीत विश्व भर में प्रसिद्ध है जिसने संगीत को प्रहर और भागों में बांट दिया , जिससे हमें समय और काल का ज्ञान बहुत आराम से हो जाता इस तरह की पद्धति अमूमन भारतीय संगीत में ही पाई जाती हैं ,एक समय ऐसा था मेरे देश में ऐसे कलाकार रहे जैसे तानसेन जी उनके संगीत में वो शक्ति थी कि अंधेरे में दीपक जलाकर वह दीपक राग की रचना कर देते थे और सूखे मौसम में मेघमल्हार गाकर वे मेघ को आकर्षित करके बरसात करवाने में भी समर्थ हो जाते थे ,तो ऐसे सामर्थ्य शाली तत्वों को अपने जीवन में धारण करने वाले बड़े-बड़े कलाकारों साहित्यकारों महात्माओं योगियों का प्रधान हमारा देश है।
बड़े ही सैद्धांतिक तरीके से हमारे यहां समानता का अधिकार है शोषण के विरुद्ध अधिकार है हमें स्वतंत्रता का अधिकार है, हम मौलिक अधिकारों को प्रयोग करके समाज में अपने खुद के अस्तित्व के लिए आवाज उठाने का हक भी रखते हैं और किसी भी कार्य को करने की स्वतंत्रता भी पाते हैं ,भारतीय संविधान के अंतर्गत राष्ट्रीय गान राष्ट्रीय गीत का सम्मान भी बहुत आवश्यक रहा है ।
मेरे देश में अखंडता का आदर और रक्षा करना परम कर्तव्य माना गया है इसी आधार पर भारतीय संविधान को केंद्र और राज्यों के साथ अलग-अलग शक्ति के स्वरूप में बांटा गया है ,इसका सीधा मतलब है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार होने से देश का विकास सुचारू रूप से हो सकेगा और शासन सीधे-सीधे किया जा सकेगा ।
विभिन्न विशेषताओं में भारत की विचित्र विशेषता यही मानी जाती है एक तरह से विभिन्नता में एकता ही हमारी प्रमुखता है विभिन्न अजूबों में सातवां अजूबा ताजमहल वो हमारे यहां है जो कि पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य करता है और विभिन्न खानपान जीवन शैली आचार विचार को धरते हुए भी हम एक से दिखाई देते हैं ।
मेरे देश की प्रमुखता हि यही है कि वह कई सारे रंगों को अपने जीवन में संभाले समेटे संस्कृति की अनमोल धरोहर बन जाता है ,धर्मनिरपेक्षता के आधार पर भारत दुनिया का प्रथम देश है डिजिटल स्वरूप में भी हमने अपना एक स्तर बनाया है अनेक भाषाओं और बोलियों को बोलने के बावजूद हम एकता प्रेम और अहिंसा की भाषा को प्रमुख मानते हैं ।
कितने ही संत महात्माओं के जन्म लेने से हमारे सांस्कृतिक परिष्कार में सहायता मिली है मेरे देश में राम कृष्ण बुद्ध महावीर कबीर गांधी आदि महापुरुष हमारे आदर्श रहे और उन्होंने हमें सच्चे मार्ग पर चलना सद्भाव से रहना और सदाशयता को धारण करना सिखाया है ,हिमालय और गंगा हमारे दो अनमोल गहने स्वरूप आधारभूत बंधन है जो कि हमारे विश्वास में उन्नति करने का समान अवसर प्राप्त करते हैं ।
मेरे देश में अशिक्षा गरीबी बेरोजगारी इन शत्रुओं से लड़ने के लिए नागरिकों को मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है और प्राचीन सभ्यता को आदर्श मानते हुए हम किसी एक बिंदु पर तमाम मतभेदों के बावजूद सोच सकते हैं ,तो वह बिंदु है देश।
वर्षों परतंत्रता झेलने के बावजूद हमारी प्रवृत्ति और प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आया आज भी हमारे देश की मिट्टी का महत्व किसानों के परिश्रम को उनके बल को सदैव पुरस्कृत करता रहता है, हमारे त्यौहार भी इसी तरह के बनाए गए हैं जो एक दूसरे में प्रेम भाव रखते हुए साथ में बैठते हैं फिर वह कृषि से जुड़ा हुआ त्यौहार हो चाहे बुराई पर जीत का त्यौहार दशहरे के स्वरूप में हो चाहे अंधकार पर प्रकाश के प्रति जीत का त्यौहार दीवाली के स्वरूप में हो या ऊर्जा और शक्ति की पूजा में देवी के स्वरूप में हो या सेवई की मीठी खीर की बात हो तो ईद हो ,इस तरह से सालों से परंपराओं को निभाते सांस्कृतिक परिस्थितियों में ढलते हमारे देश में हर तरह से हर धर्मj ने हर परंपरा ने अपना योगदान दिया है ।
मेरा देश कृषि प्रधान देश है और इसकी संस्कृति अनोखी है विज्ञान और पौधों के क्षेत्र में बहुत सारी तरक्की करने के बावजूद कंप्यूटर और अन्य परिष्कृत डिजिटल अप्लायंसेज को भी महत्व दिया जाता है कितने प्रकार के अनाज हमारे यहां मिल जाते हैं जैसे गेहूं मक्का बाजरा जौ दाल ,कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से चली आ रही है लगभग 51% भाग में खेती की जाती है मेरे देश में कुल जमा 52% लोग खेती पर अपनी आजीविका चला रहे हैं ,भारत देश को हरित क्रांति के बाद अधिक अनाज पैदा करने के लिए भी विश्व भर में जाना जाता है और सबसे बड़ी बात कि हम अनाज सिर्फ भारत देश के लिए नहीं उठाते या अन्य देशों के लिए भी अनाज उगाते हैं और अनेकता में एकता हमारी सबसे बड़ी प्रमुखता है अखंडता सहिष्णुता उस में प्रवाहित अंतह पुष्ट भाव सरिता सा है, और वह हर जगह सांस्कृतिक विरासत के तौर पर लागू होती है, और इस संस्कृति को विश्व भर में प्रसारित प्रसारित करने में हमारे लेखकों ने भी बहुत बड़ा योगदान दिया है हमारे साहित्य को हर भाषा में पढ़ा और समझा जाता है अतः मेरा देश शिल्प कला नृत्य संगीत संस्कृति के लिए विश्व भर में एक अनूठी पहचान बनाता है।
मेरे देश में कितने ही वीरों और भक्तों ने अपना एक स्थान बनाया और इस देश की मिट्टी के लिए अपने प्राण त्याग दिए भारतीय भाषा राष्ट्रीय भाषा हिंदी होने के बावजूद हम हर प्रांत की भाषा का सम्मान करते हैं और अतीत के कितनी ही काले पन्नों को पुनः सुनहरा करने का आरंभ भारतीय संस्कृति ने ही किया, विश्व के कई ऐसे देश हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति को अपनाना अपना सम्मान समझा मेरा देश सच में अतुल्य है आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं , स्स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश करके हमको जीवन में आगे बढ़ने की और संभावनाओं का स्वागत करना चाहिए मेरे देश को समस्त देशों में अग्रणी और उच्च स्थान पर रखने के लिए हम सभी को कटिबंध और प्रबल होना चाहिए सोने से अमूल्य, मेरे देश पर मुझे गर्व है जय भारत जय भारत माता।।
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