डॉ .नंदिनी शर्मा(नित्या)
हिन्दी में पीएचडी, सितार में बैचलर ऑफ म्यूजिक,कई साहित्यिक संस्थाओं की सदस्य, 40 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन
विंड चाइम
बालकनी में विंड चाइम की
लटकती घंटियाँ
जब मंद-मंद हवा के
झोंको से टकराती है
उनमें गूँजती है
मधुर स्वर ध्वनियाँ
वो खींचती है
सबका ध्यान अपनी तरफ
अपनी आवाज से
हवा से करती है
अठखेलियाँ
नया चलन है,
समृद्धि का प्रतीक या
ऊर्जा का कोई स्रोत
आज बन गयी है
स्टेटस सिंबल
मैंने इसे पहली बार देखा
किसी सीरियल में
तब से मेरे भीतर
छवि बन गयी
ये प्रेम-प्रीत का उपहार
जब-जब भी बजती
घर-आँगन में
उसकी याद
दिलाती है वोl
नित्या नंदिनी