सखी सुना है राधा के प्रीतम गांव में आये हैं कितनी गर्मी का मौसम है
राधा के मन की खिड़की से देखा
हर तरफ बहार का
फूलों का रंगों का
मौसम है
मौसम एक ही गांव के हैं
राधा भी वहीं गोपी भी वहीं
क्या प्रियतम मौसम बदल देते हैं
या सबके प्यारे बहार
फूल रंग साथ लिए चलते हैं
मौसम भी बहुमुखी सा कुछ
कुछ कुछ नादान सा
कुछ कपटी सा
जाने कैसा हो गया है,
मन और मौसम दोनों
समझ के परे हैं