वैसे तो कई यात्रा के संस्मरण जेहन में बसे हैं कुछ यादें धुंधली हो गयी, कुछ यादें स्मृति पटल पर बस गई। आस्ट्रेलिया (सिडनी) में मेरी बेटी रहती है। वहाँ की यात्रा का संस्मरण आपको बता रही हूँ।
मैं और पतिदेव इंदौर से फ्लाइट से मुंबई पहूंचे, मुंबई इंटरनेशनल हवाई अड्डे गए वहां से दूसरी फ्लाइट सिड़नी की थी। साथ में लगेज दोनो का 60किलो, ओर हेंड बेग अलग था।
मुंबई से सिंगापुर की फ्लाइट में चेकिंग हुई मैंने भूल से 250ग्राम की क्रीम आदि सामान हैंड बैग में रख लिया था, चेकिंग में निकल गया। रखना था लगेज में, मन दुखा पर क्या करते।
हम ने फिर उड़ान भरी सिंगापुर के लिए। काफी बड़ा है सिंगापुर का एयरपोर्ट चलते चलते थक जाते हैं। अगली फ्लाइट हमारी 10,11 घंटे बाद थी इसलिए पहले से ही एअरपोर्ट पर होटल बुक करा ली थी कि आराम भी कर लेगें ओर सिंगापुर भी घूम लेगें।खैर होटल पहूंचे।
सोचा पहले चाय पीते हैं फिर तैयार होकर सिंगापुर देखने जाएंगे। वहां एयरपोर्ट पर लोकल वीजा मिल जाता है।
रुम में चाय की केटली थी। मैंने चाय बनाई स्विच आन किया ही था कि चाय एकदम उबल कर पूरी टेबल पर बिखर गई। टेबल के उपर काचं था उसमें फैल गई, हाय राम अब क्या करें यह सोचकर घबरा गए क्योंकि पहले ही बहुत मंहगा था होटल 120 डॉलर बुक करने में लगे। अब कारपेट गंदा हुआ तो ओर डॉलर लग जाएंगें सब उत्साह खत्म हो गया। अपने यहाँ तो 5 स्टार होटल को भी हम अपना घर समझ लेते पर वहां ऐसा नही होता।
दिमाग चलाया टिश्यू पेपर से साफ करने पर भी चाय साफ नही हो रही थी बंडल भी खत्म कर दियाआखिर अपना नेपकिन निकाला उससे साफ की। मूड खराब हो गया। आराम भी न कर पाए ओर तैयार होकर सिंगापुर घूमने के लिए हेंड बेग लेकर ट्राम से एयरपोर्ट पर आए वही की बस में सिंगापुर देखने निकले।
अगली फ्लाइट का समय हो गया था ऐसे सिंगापुर तक की यात्रा खट्टे मीठे अनुभव की रही।
सिडनी एअरपोर्ट से बाहर निकलने में दो घंटे लग गए। चेकिंग लगेज ढोकर गंतव्य तक पहुंचे।
लेकिन बाहर बेटी, दामाद, नातिन को देखकर जितनी थकान थी गायब हो गई। नातिन का, बेटी का गले मिलना मुझ में जैसे एकदम स्फूर्ति आगई थकान एकदम दूर हो गई घर पहुंचे।
दो चार दिन नींद को एडजस्ट करने में लग गये। भारत से वहां का अंतर4-5 घंटे का रहता है। फिर सिडनी घूमने निकले। सिडनी बहुत सुंदर सिटी है।यह आस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है।
भारतीय रेस्तरां, होटल, दुकानें हैं अतः भारतीय खाना आराम से मिल जाता है यहां तक की वहां के लोग भी भारतीय खाना शौक से खाते है।वहां का सबसे सुंदर आपेरा हाउस की खुबसूरत पाल जैसी डिजाइन दिखती है व हार्बर ब्रिज का सुंदर नजारा देखने लायक है। हार्बर ब्रिज धनुषकार जैसा है। सिडनी टावर का आउट डोर प्लेटफार्म, आकर्षक नजारे है।हार्बर ब्रिज दुनिया का सबसे लम्बा स्टील ब्रिज है।
क्वीन विक्टोरिया बिल्डिंग, हाइड पार्क,, डार्लिंग हार्बर, लाइफ एक्वेरियम इसमें 800,900 मछलियां देखने को मिलती है। कुछ मछलियां तो झाड की पत्तियों जैसी होती जो कभी नही देखी।
समुद्र तटों झुंड के झुंड पेंगुइन समुद्र किनारे आते हैं उन्हें देखना बहुत अच्छा लगता है।
सिडनी ओपेरा हाउस में बिना रूके सिडनी से कोई आउटिंग खत्म नही होती। ओपेरा हाउस यह सबसे प्रसिद्ध वास्तु मिल के पत्थर में से एक है।
सिडनी ओपेरा हाउस
सबसे रोमांचक क्षण मेरे लिए नये साल का देखने को मिला वहां का न्यू इयर दुनिया में प्रसिद्ध है।
वहां आतिशबाजी देखने के लिए दोपहर दो बजे से ही भीड़ जमा होने लगती है टिकट वालों की भी व बिना टिकट वालों की भी जबकी रात12 बजे नया साल मनता है।
खाने पीने का सामान साथ लेकर जाना पड़ता है।
आतिशबाजी शुरू होती है सिडनी ओपेरा हाउस के पास होने वाली आतिशबाजी पूरी दुनिया में सुर्खियाँ बटोरती है।
यह देश 90%जंगलों से घिरा है कंगारू देश कहलाया जाता है।
मैडम तुशाद देखने गए। वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सचिन तेंडुलकर जैसी कई सेलेब्रिटी के पुतले थे। पुतलों के साथ फोटो खिचाईं ।
दुसरी मेरी खुशी का वो पल जब वहां 15 अगस्त के दिन अपने भारतीय हिंदी लोगों के क्लब में मुझे बुलाया गया जो वहाँ के ही निवासी हैं। मैंने अपने मध्य प्रदेश और इंदौर शहर के बारे में बताया।
सिडनी के बहुत सख्त नियम हैं जैसे अगर आपने ड्रिंक की है और कार चलाते पकड़े गए तो आपका लायसेंस निरस्त अतः वहां लोग पार्टी में जाते हैं ड्राइव करने वाला नहीं पीता है। सिडनी में रात का नजराना देखने लायक होता है ऐसा लगता है ओपेरा हाउस के वहां बैठे ही रहो।
दूसरा शहर मेलबोर्न बहुत प्रसिद्ध है जो सिडनी से 1200 किलोमीटर दूर है। वहां कार से रवाना हुए बहुत ही सुन्दर सिटी है मेलबोर्न भी।
वहां मोनो रेल चलती है वो भी एक बिल्डिंग से निकलती दूसरी मंजिल से निकलती हूई उपर ही उपर चलती है जो आश्चर्यजनक लगा।
वहां का चिड़िया घर मशहूर है, क्रिकेट का स्टेडियम दूनिया का काफी माना हुआ है
ऐसा कहा जाता है कि क्रिकेट का आंनद लेना हो तो एक दिन मेलबोर्न में जरूर किक्रेट देखने जाओ।
केसिनो बहुत बड़ी बिल्डिंग में है। वहां मैं जीती 50डालर।
मेलबर्न में समुद्र में हम लोग क्रूज में घूमे। दो मंजिला था उसमें घुमने में खूब आनंद आया हवा इतनी चलती है की अपनी चुनरी सम्हालना पड़ता है। समुद्र में घूमते वक्त झाड़ियों में हिरन ओर कई जानवर दिखे।
फिर आस्ट्रेलिया की राजधानी केनबरा गए वहां हमने ब्लेक माउंट, आस्ट्रेलिया वार मेमोरियल, नेशनल फिल्म एंड सांउड, संसद भवन देखा।
हार्बर ब्रिज
सबसे अच्छा वहां का राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र देखने को मिला।नासा से जो सेटेलाईट छोड़ी गए वो फिल्म के द्वारा दिखाई गई मेरे लिए यह एक आश्चर्यजनक व रोमांचकारी क्षण था। केनबरा से वापस सिडनी आए इतनी लम्बी सफर में बूरी कदर थक गए थे सिडनी आकर दो दिन आराम किया ।उसके बाद हम गोल्ड कोस्ट के लिए फ्लाइट से रवाना हुए। गोल्ड कोस्ट भी सिडनी से 1,000किलो मीटर दूर है वहां जिस होटल में रुके थे वहां से समुद्र का नजारा देखने लायक था। 29वें माले पर हमारा रुम था घर जैसा ही था किचन, बेड रुम, डाइंग रुम सबकुछ था। पोहे चाय बनाई रेस्ट किया ओर फिर चल दिए गोल्ड कोस्ट देखने।
surfers paradise ये दुनिया की बेहतरीन समुद्र तटों में से एक एक है
गोल्ड कोस्ट में विख्यात थीम पार्क जैसे सी वर्ल्ड, वार्नर ब्रदर्स मूवी वर्ल्ड देखने लायक है। किस्मत से वहां के कलाकार के साथ फोटो लेने को मिली। अगर आप सिडनी जाएं तो गोल्ड कोस्ट जरूर जाना।
गोल्ड कोस्ट में मेरे जीवन में एक रोमांचकारी क्षण आया जो इच्छा मेरी कब से थी की हेलिकॉप्टर में बैठने की।
किस्मत से गोल्ड कोस्ट में हेलिकॉप्टर था जो समुद्र का पूरा चक्कर लगा के वापस तट पर छोड देता, पर काफी चार्जेस थे।हिम्मत नही हो रही थी की थोड़ी सी देर के लिए इतनी बड़ी रकम दे फिर सोचा कोई इच्छा अधूरी नही छोड़ना, पूरी हो रही है तो हिम्मत कर ही लेते क्योंकि दोबारा ये सुअवसर आए की नही। आखिर हेलिकॉप्टर की भी सैर कर ली बड़ा मजा आया।
ऐसी मेरी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा सिडनी, मेलबर्न, केनबरा, गोल्ड कोस्ट से पुरी हूई। सुन्दर देश की, शहर की अविस्मरणीय यादें, बेटी नातिन के साथ गुजारे क्षण की सुमधुर यादें लेकर अपने देश में, अपने प्यारे शहर इन्दौर अपने घर लौट आई।