रश्मिता शर्मा,

वामा….….

आया समय ,

उठो तुम वामा

नर की प्रबल-प्रेरणा बन

हर बाधा को हरना है।

चार-दीवारी के बंधन तोड़

युग परिवर्तन तुम्हें करना है।

  आया समय ,

जागो तुम वामा

नई कहानी तुम्हें गढ़नी है।

नारायण से स्कंध मिला,

ताकत तुम्हें बनना है।

एक नए संसार की रचना कर ,

युग परिवर्तन तुम्हें करना है।

  आया समय

जागो तुम वामा

ऊँची -उड़ान  भर ,

तितली बन आसमान में उड़ना है ।

अपनी परम्पराएँ खुद बना

युग परिवर्तन तुम्हें करना है।

 

इन्दौर

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