कॉम्बैट म्युजिकल ग्रुप का संगीतमय आयोजन ‘एक हसीना थी’…
प्रशांत रायचौधरी
इंदौर। संगीत प्रेमियों के लिए रविवार की शाम बेहद हसीन रही। जाल सभागृह इंदौर में एक हसीना थी.. कार्यक्रम में फिल्मी गीतों ने ऐसा समां बांधा कि कई दिनों तक इस शाम को श्रोता भुला नहीं पाएंगे। शाम इतनी हसीन थी कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही हॉल हाउसफुल हो गया था।
पिछले दिनों लोकप्रिय गायक चिंतन बाकीवाला के कार्यक्रम के बाद ऐसा देखने को मिला जब घंटों पहले श्रोताओं ने अपनी जगह बना ली थी। लाखों लोगों के चहेते संगीतकार आरडी बर्मन व बप्पी लहिरी को याद करते हुए कार्यक्रम का संयोजन किया गया था। तेज संगीत,युवा चेहरे व रंगीन रौशनी में जगमत हॉल में तालियां ही तालियां गुंजायमान हो रही थीं।
इंदौर में संगीत रसिकों का कोई जोड़ नहीं है , हर प्रोग्राम पिछले से और बेहतर लगता है। बहरहाल,वर्षा वाघ ने कॉम्बैट म्युजिकल ग्रुप के बैनर पर यह बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया। कसावट भरे इस कार्यक्रम में आकाशवाणी के विनायक मुले के कुशल संचालन में मनीष शुक्ला, विक्रम बजाज,ज्ञान कटारिया,सुनयना ठाकुर, नूपुर कौशल,प्रीति सोनी,अक्षिता टाटावत व नए स्वर में संदेश चौहान को लोगों ने खूब पसंद किया। मनीष शुक्ला ने आरडी बर्मन, बप्पी लहिरी व किशोर कुमार के सभी गीतों को खूब अच्छे से निभाया। गाने के साथ उनका परफार्मेंस भी लुभा रहा था ।मनीष शुक्ला ने केके को श्रद्धांजलि देेने के बाद जब दे दे प्यार दे,प्यार दे, गाया तो लोग संगीत में डूब गए। मनीष ने प्रीत सोनी के साथ बचके रहना रे बाबा,बचके रहना रे भी शरारती अंदाज में गाया। मनीष ही ने नूपुर कौशल के साथ यार बिना चैन कहां रे व अक्षिता के साथ जाने जां,ओ मेरी जाने जां गाकर दिल जीत लिया। छोटी उम्र की अक्षिता ने आशा भोसले को बखूबी निभा कर दर्शा दिया कि उनका भविष्य उज्जवल है। मनीष महबूबा,महबूबा गाने में आरडी बर्मन के बेहद करीब थे। मनीष,विक्रम बजाज,नूपुर कौशल व सनयना ठाकुर ने फिल्म शान का गान जानू मेरी जान.. को बड़ी शान से निभाया।
विक्रम बजाज ने भी आवाज के साथ बॉडी लेंग्वेज का बढ़िया समन्वय किया।चश्मा पहनकर कंधों व कमर की हरकत कर उन्होंने साफ कह दिया बचना ऐ हसीनो लो मैं आ गया। विक्रम ब ने नूपुर कौशल के साथ टाइटल सांग एक हसीना थी, एक दीवाना था में बढ़िया केमिस्ट्री का इजहार किया। इंतहा हो गई प्यार की..गाने में विक्रम ने महफिल को पने वश् में किया ही था कि अक्षिता ने ओ मेरे सजना लो मैं आ गई गाते हुए एंट्री मारी व विक्रम के साथ डुएट में समां बांध दिया। इनके साथ ही नूपुर कौशल की एनर्जी देखने लायक थी। उन्होंने आज की रात कोई आने को है गाने में अपना पूरा अनुभव निचोड़ दिया। आवाज के अलावा हरकत में भी किसी से कम नहीं थी।
मनीष ने नूपुर के साथ यार बिना चैन कहां रे व अक्षिता के साथ जाने जां,ओ मेरी जाने जां गाकर माहौल को अलग ही लेवल पर ला दिया। सुनयना ठाकुर व ज्ञान कटारिया ने कार्यक्रम के शुरू में ही आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर गाकर माहौल को रंगीन बना दिया था तो प्रीति सोनी ने मेडली गाकर माहौल में चार चांद लगा दिया। उन्होंने बांहों में चले आओ ,ओ मेरे दिल के चैन आदि का समावेश किया था। ज्ञान कटारिया ने याद आ रहा है,तेरा प्यार गाकर तालियां बटोरीं तो संदेश चौहान ने अपने पहले ही स्टेज प्रोग्राम में एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल गाकर शाबासी पाई। नन्हीं वैदेही पाराशर ने मनीष शुक्ला जैसे मंजे गायक के साथ ओ हसीना जुल्फों वाली बखूबी गाया।
चिंतन बाकीवाल-मनीष शुक्ला की जुगलबंदी
कार्यक्रम का शानदार पक्ष इंदौर की शान गायक चिंतन बाकीवाला की मौजूदगी थी। संचालक विनायक मुले ने उनसे एक गाने की पेशकश की तो चिंतन ने मनीष के साथ बचना ऐ हसीनों लो मैं आ गया ,गाकर गड़गड़ाहट से भरी तालियां बटोरी।
एक अनुकरणीय उदाहरण रहा कॉम्बेट संस्था द्वारा इंदौर की 25 से ज्यादा संगीत संस्थाओं के प्रमुखों का सम्मान किया जाना।