डॉ.नंदिनी शर्मा’नित्या’
( हिन्दी में पीएचडी, सितार में बैचलर ऑफ म्यूजिक,कई साहित्यिक संस्थाओं की सदस्य, 40 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन)
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गृहणी
कैसे करें शिकवा शिकायत
सब कुछ तो अच्छा है
तो क्या हुआ
जो सोचा
वो ना हुआ
जो चाहा
वो ना मिला
ख्वाहिशो का अंबार
कुछ ज्यादा ही था
ह्रदय में
पर हर ख्वाहिश
पूरी होती है भला
वो भी कितनी बावली थी
देख लिए ढेर सारे सपने
ये सोचे जाने बगैर कि
उसे…
सपने देखने का हक भी है
अपने सपनों को ही
सच समझकर
कदम आगे रखे जा रही थी
कि समय ने जो करवट बदली
टूट गये छन्न से सारे सपने
पर मुस्कान तो
उसे बिखेरनी ही थी
किसी की दुहिता से बन गयी
अर्द्धांगिनी किसी की
जुडते गये ढेर सारे रिश्ते
और बढ़ती गयी
जिम्मेदारियों की गठरी
बहुत दूर रह गये अपने
परायों को अपना बनाकर
अब बन गयी
वो आज गृहणीll
M .9926153862
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