हर्षजनक रहना स्वस्थ जीवन जीने का मूल मंत्र है
World laughter day
डॉ. प्रतिभा जैन,इन्दौर
(होम्योपैथ डॉक्टर, लेखिका, मोटिवेशनल प्रशिक्षक होने के साथ ही मन की थाह नाम से लोकप्रिय पॉडकास्ट भी करती हैं।)
” सदा खुश रहो ,मस्त रहो ,आनन्द में रहो,हँसते रहो” अमूमन यही आशीर्वाद सदियों से प्रचलित है हमारे यहाँ । हर्षजनक रहना ही स्वस्थ जीवन जीने का मूल मंत्र है । जो प्रसन्न है वह संतुष्ट है और जो संतुष्ट है वही स्वस्थ हैं वही जीवित है
हम हमेशा प्रसन्नचित्त रहने वाले व्यक्तियों से बात करना पसंद करते हैं ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई व्यक्तिगत दु:ख-दर्द या तकलीफ नहीं होगी परंतु परिस्थिति चाहे जैसी भी हो वे हँसना नहीं छोड़ते ।
अगर आप खुशियाँ बाँटेंगे,किसी के चेहरे पर मुस्कान लाएँगे तो आपकी झोली भी खुशियों से भर जाएगी।जब आप हँसते हैं और जितने समय के लिए आप हँसते हैं, उतनी देर के लिए आप सारी नकारात्मकता से दूर हो जाते हैं।
हँसना अत्यंत आवश्यक है, बहुत जरूरी है और इसीलिए नौ रसों में हास्य रस भी सम्मिलित है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो प्रफुल्लित रहने से बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है ,हमारी इम्यूनिटी ( रोग प्रतिरोधक शक्ति )बढ़ती है ,मांसपेशियाँ मजबूत होती है, ऑक्सीजन लेवल तथा रक्त संचार संतुलित रहता है ।
.और इसलिय मुंबई के डॉक्टर,डॉ . मदन कटारिया, अपने क्लीनिकल एक्सपीरियंस से इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि चेहरे पर मुस्कुराहट होने से आधा रोग ठीक हो जाता हैं। उन्होंनें 1995 में लाफ्टर योग क्लब मूवमेंट की शुरुआत की। धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में न केवल प्रचलित हुआ, बल्कि इसे विश्व में स्वीकारा भी गया ।आज यह विश्व में ,हर साल , मई महीने के प्रथम रविवार के दिन मनाया जाता है।
अन्त में कहना चाहूँगी
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