‘ our planet, our earth’
डॉ प्रतिभा जैन
(होम्योपैथ डॉक्टर, लेखिका, मोटिवेशनल प्रशिक्षक होने के साथ ही मन की थाह नाम से लोकप्रिय पॉडकास्ट भी करती हैं।)
‘ our planet, our earth’
ग्रह,नक्षत्र ,धरा ,प्रकृति और पर्यावरण इन पाँचों को और इनसे संबंधित सभी जीव -अजीव को सदियों से भारतीय पूजते आए हैं । इन सभी के साथ जुड़े हैं हमारे पर्व, पर्वों की केवल धार्मिक महत्ता नहीं है, अपितु यह हमें सिखाते है कि इन पाँचो के साथ तालमेल बिठाकर अपना आचार- विचार और खान- पान कैसे सही रखना चाहिए ताकि समस्त प्राणी निरोगी रहें।
पाँचों मिलकर नि:स्वार्थ भाव से हमें वह सब प्रदान करते हैं, जो हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।जैसे गर्मी में तेज़ तपिश दूर भगाने के लिए आम,तरबूज, खरबूज ,खीरा ,अंगूर आदि अत्याधिक रसीले फ़ल,सब्ज़ियां जैसे उपहार देते है ।सावन में सूखी नदी व धरती को पानी से सराबोर करते हैं । पतझड़ मौन साधना का महत्व बताता है ।ठंड में सूखे मेवे की भेंट देते हैं ताकि ऊर्जावान बने ;और बसंत में -.प्राकृतिक दुनिया पुनर्जीवित होती है ,यह सीख देती है कि हम भी अपने गम बिसराकर, आनंदित हो जाएँ और पुन: जोश व लगन से अपने काम में जूट जाएँ । लेकिन दुख की बात है कि आज हम इन मान्यताओं को बेकार और पुरानी समझकर नकार रहे है ।
डब्लयू एच ओ का भी मानना है कि ज्यादातर बीमारियाँ इन पाँचों तत्वों से छेड़छाड़ के कारण बढ़ रही हैं। इसलिये अपने स्वास्थ्य के लिए पश्चिम से आयातित ‘ वर्ल्ड हेल्थ डे ‘ की थीम ‘our planet,our earth ‘ (वर्ष 2022 ) को हम modern and scientific मान्यता समझकर सहर्ष अपना रहे हैं। इसका अनुसरण करने की शपथ ले रहे हैं ।
अभी भी देर नहीं हुई हैं; W.H.O. की ही सुन लें । ‘जब जागो तब सवेरा’ .. देखिए तो.. यह मुहावरा भी तो प्रकृति से ही जुड़ा है।
आपकी अनमोल प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में …
डॉ प्रतिभा जैन
इन्दौर ,मध्यप्रदेश
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