इन्दौर. जनवादी लेखक संघ, मासिक रचना पाठ के 102 क्रम का आयोजन शासकीय श्री अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय में किया गया। इसके अंतर्गत सुपरिचित कथाकार किसलय पंचोली ने अपनी दो कहानियों इंदु की स्लाइड और नीला स्कार्फ और लाल गमछा का पाठ किया। कहानियों पर चर्चा  करते हुए ज्योति जैन,संध्या रायचौधरी , महिमा वर्मा, विभा दुबे का कहना था कि इंदु की स्लाइड सरकारी तंत्र की बखिया उधेड़ती हुई हमारे मन की तह तक जाती है तथा नीला स्कार्फ और लाल गमछा प्रेम की कोमल भावनाओं को उकेरती है| आनन्द व्यास ने कहानी पाठ की सम्प्रेषण को रेखांकित करते हुए कहा कि इंदु की स्लाइड का काल 10 साल पुराना लगता है लेकिन कहानी अपने विषय के साथ न्याय करती है व नीला स्कार्फ और लाल गमछा कोमल भावनाओं की मार्मिक कहानी है| अश्विनी कुमार दुबे ने कहा कि इंदु की स्लाइड इंदु के एकाकी जीवन व कैरियर की कहानी है लेकिन इंदु जैसी इमानदार, कर्मठ और सिद्धांतवादी महिला का पागल हो जाना खलता है। उन्होंने नीला स्कार्फ और लाल गमछा में मशीनों की ध्वनियों का इस्तेमाल कहानी के वातावरण को और ज़्यादा संप्रेषित करता है।

सुरेश उपाध्याय ने इन कहानियों को यथार्थवादी कहानियों के रूप में रेखांकित किया। रजनी रमण शर्मा ने कहा कि कहानियाँ अपने समय की परतों को खोलती है और नीला स्कार्फ और लाल गमछा में प्रयुक्त ध्वनी संयोजन अद्भुत है। सत्यनारायण पंचोली का कहना था कि इन कहानियों के पात्र हमारे आस पास से ही लिए गए हैं| योगेन्द्रनाथ शुक्ल ने कहा कि  इंदु की स्लाइड की इंदु इसी समाज की एक पात्र है जिसमेें दिखता है कि इमानदारी से काम करने वाले या तो आत्महत्या कर लें या कंदराओं में चले जाएं| जवाहर चौधरी ने कहा कि इंदु की स्लाइड एक अच्छी कहानी है लेकिन इसका प्रवाह मंथर है जिसके कारण बोझिल होने लगती है|

कार्यक्रम का संचालन रजनी रमण शर्मा ने किया और आभार आनंद व्यास ने माना|

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