महिसास ( मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन ) इंदौर इकाई में
सदस्यों का परिचय हुआ
उपन्यास की रचना प्रक्रिया से अवगत करवाया
बांग्ला-हिन्दी कविता की हुई जुगलबंदी
इंदौर। मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इंदौर इकाई का पहला आयोजन रविवार को अभिनव कला समाज में हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक दीप प्रज्जवलन से हुआ।इसके पश्चात सचिव महिमा वर्मा ने संचालन करते हुए संस्था गठन की विस्तृत जानकारी दी। अध्यक्ष डॉ राजेश नीरव ने अपना परिचय देने के साथ ही संस्था के उद्देश्य को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि इंदौर उत्सवों का शहर है यहां हर दिन साहित्यिक उत्सव होते रहते हैं, हिन्दी साहित्य सम्मेलन केवल उत्सव करने के लिए न रह जाए। हमें इसका एक अलग ही व्यापक स्तर बनाना होगा। इस मंच से अच्छे हस्ताक्षरों को जोड़ना होगा।
डॉ राजेश नीरव
महिमा वर्मा
अन्य कार्यकारिणी सदस्यों सहसचिव संध्या रायचौधरी, पिंकी तिवारी, रश्मि चौधरी, जाहिद बेग ने भी अपना परिचय दिया । कार्यक्रम वागीश्वरी पुरुस्कार से सम्मानित विद्वजनों को समर्पित रहा।
संध्या रायचौधरी
जाहिद बेग
रश्मि चौधरी
रचनाकारों ने किया पाठ
बसंतोत्सव एवं होली मिलन के अवसर पर आयोजित इस सारस्वत साहित्यिक आयोजन में रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
पिंकी तिवारी द्वारा प्रस्तुत कविता की एक बानगी
कभी आंसू बहाती है
कभी आंचल बचाती है
बचा लो लाज कोई तो
द्रोपदी हार जाती है
‘ माधवी ‘ की सृजन यात्रा’पर डॉ .अमिता नीरव का व्याख्यान
वागीश्वरी पुरस्कार से सम्मानित अमिता नीरव ने अपने उपन्यास माधवी के पौराणिक चरित्र का भाव विस्तार दिया। उन्होंने बताया क्यों उनके जेहन में माधवी पात्र को कलमबद्ध करने का विचार आया और कैसे , कितने समय में उपन्यास को पूर्ण किया। पौराणिक काल में ययाति अपनी पुत्री माधवी को एक ऐसे पुरुष को सौंप देते हैं जो उनसे शाप मुक्ति हेतु मदद मांगने आया है। उन्होंने कहा कि एक स्त्री के तौर पर माधवी की पीड़ा कचोटती है। सिर्फ माधवी ही नहीं सीता,द्रोपदी, कुंती भी स्त्री की अंतहीन विपदाओं से ग्रसित रहीं।
बांग्ला में कविता हिन्दी में अनुवाद
एक अभिनव प्रयोग रहा आईआईएम इंदौर के फ़िनान्स ऑफिसर दिलीप दत्ता द्वारा बांग्ला में कविता पाठ करना और साथ में राजेश नीरव द्वारा उसका हिन्दी में अनुवाद करते जाना। हॉल में मौजूद श्रोताओं को इस जुगलबंदी में बहुत आनंद आया।
साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति
कार्यक्रम में डॉ. नीहार गीते, डॉ. प्रदीप मिश्र, रजनी रमण, डॉ. सोनाली सिंह नरगुंदे, डॉ कविता वर्मा, सोनल शर्मा, पंकज दीक्षित, हर्षवर्धन, ऋतुराज, देवेन्द्र सिंह सिसोदिया, डॉ. ज्योति सिंह, निशा चतुर्वेदी, डॉ. स्वाति सिंह, महिमा शुक्ला, डॉ. ममता ओझा,माया कौल, डॉ शोभना जोशी, रागिनी शर्मा, आलोक वाजपेयी, मनीषा व्यास आदि लेखक मौजूद थे।
आभार सहसचिव संध्या रायचौधरी ने किया।
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