मनीषा व्यास

शिक्षा  एम ए हिंदी ,

एम फिल हिंदी 

बी एड , एम एड

पच्चीस  वर्षों से सी बी एस ई विद्यालयों में अध्यापन 

कार्य  …………..

-डॉ सतीश दुबे जी की लघुकथाऔर लघुकथा के विकास में मालवा के लघुकथाकारो का योगदान विषय पर शोध प्रबन्ध।

-रस रहस्य , काव्य में बिम्ब विषय पर शोध पत्र ,पत्र पत्रिकाओं अखबारों में लेख ,लघुकथा , कविताएं।

-अखंड संडे संस्था इंदौर द्वारा प्रकाशित पुस्तक में कविताएं ।

-लेखिका संघ द्वारा प्रकाशित पुस्तक सिलवटें में लघुकथाएं प्रकाशित।

-मै रहूं न रहूं भारत ये रहना चाहिए काव्य संग्रह में तिरंगा हमारी मिट्टी की शान विषय पर कविता ।

-काव्य कुंज साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशित आलेख मिट्टी की सौंधी खुशबू बरकरार रहे ।

-प्रदेशवार्ता में कविताएं प्रकाशित, स्मेश पत्रिका में आलेख और कविताएं प्रकाशित ।

-हिंदी रक्षक मंच द्वारा प्राप्त कवयित्री सम्मान।

-महादेवी वर्मा स्मृति कवयित्री सम्मेलन में प्राप्त  सम्मान । मां भारती कविता महा यज्ञ में साहित्य साधिका सम्मान,

-उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के द्वारा एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित,

-अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद इंदौर की सचिव , मां भारती कविता महायज्ञ विश्व कीर्ति मान के अभिनंदन समारोह में काव्य सारथी सम्मान से सम्मानित, मां भारती कविता महायज्ञ में संचालन हेतु साहित्य साधक सम्मान से सम्मानित,लायंस क्लब द्वारा सम्मान, मंचों पर कविता पाठ और कार्यक्रमों का संचालन।

कॉलम

दुनिया जब पढ़ना नहीं जानती थी,तब भारत में वेद लिखे गए।

जब विश्व में शिक्षा नहीं थी,तब भारत में गुरुकुल थे।

इंग्लैंड ने 1635 में अपना पहला स्कूल खोला था।तब हमारे भारत में 72लाख गुरुकुल थे और वेद पुराण लिखे जा चुके थे।

शिक्षा का अर्थ पूर्णता से लिया जाता है।शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है।

शिक्षाविदो में  विवेकानंद जी के महत्त्वपूर्ण विचार है। वे कहते हैं …शिक्षा का अर्थ उस पूर्णता को व्यक्त करना जो मनुष्य में पहले से विद्यमान है।उनका कहना है कि मैं ऐसा धर्म चाहता हूं जो हर व्यक्ति को अन्न ,वस्त्र और शिक्षा देने के साथ साथ अपने सभी दुखों को दूर करने की शक्ति प्रदान करें।शिक्षा के लिए एकाग्रता ,कर्मठता,आत्मविश्वास, आत्म अनुशासन,की आवश्यकता है।

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