डॉ.नंदिनी शर्मा(नित्या)
( देवास)
तुम कलयुग की नारी हो
तुम्हें स्वयं ही उनसे लडना होगा
पापाचार का विध्वंस कर
अपना अस्तित्व बचाना होगा
नहीं आयेंगे
श्रीराम बचाने
नहीं कोई घनश्याम
सीता,द्रौपदी और निर्भया
नवजन्मी से प्रियंका तक
नहीं अंत
तुम्हारी पीड़ा का
सदियों से
इतिहास गवाह है
पुरूषों ने तुमको ही छला है
आज की नारी
नहीं बेचारी
लेगी प्रतिशोध
करे तैयारी
हैवानों की बस्ती में अब
अपना अस्तित्व बचाना होगा
लक्ष्मी नहीं,काली बनकर
तुम्हें खड्ग अपना उठाना होगा
हैवानों को बीच सडक पर
तिल-तिल तुम्हें जलाना होगाll