महिमा वर्मा
परिचय….
-अंग्रेजी साहित्य एवं मनोविज्ञान में एम.ए, बी.एड
-22 वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया। इस दौरान चेन्नई, इंदौर, जबलपुर के शिक्षण संस्थानों में प्रिंसीपल, प्रशासक, हेडमिस्ट्रेसआदि प्रमुख पदों पर रहीं।
-कई सालों से लेखन से भी जुड़ी हैं। गत नौ सालों से नई दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका स्वास्थ्य–रक्षक में नियमित कॉलम इंटीग्रेटेड वेलनेस पर लिख रही हैं। कई न्यूज वेबसाइट्स में विभिन्न विषयों पर तात्कालिक लेखन कर रही हैं।
-•Certificate course from Harvard University in: Rhetoric:The Art Of Persuasive Writing and Public Speaking
खुद के बारे में
मैं अपने आप को अच्छा साहित्य पढ़ने में रूचि रखने वाले पाठक के तौर पर देखती हूँ और शायद पढ़ते-पढ़ते ही मन के भावों और विचारों को कागज़ पर उतारना आरम्भ कर दिया। वैसे कार्य-क्षेत्र देखा जाए तो CBSE विद्यालयों में बच्चों के पंखों को उड़ान देने के कार्य में 22 वर्ष गुजार दिए हैं,विभिन्न शहरों में,मुख्यतः चेन्नई में।35 वर्ष बाद पुनः अपनी जन्मस्थली इन्दौर में बस गई हूँ|वैसे अभी भी दो नावों में सवार हूँ, लगभग आधा वर्ष बोस्टन(USA)में अपने इकलौते पुत्र के साथ गुजरा करेगा।लेकिन लेखन तो अनवरत चलेगा।
मो. 7974454830 ,9425154843(what’s app)
(महिमा वर्मा का कॉलम हेल्थ हैप्पीनेस और हम (mediapalten.com में ) नियमित प्रकाशित होगा।)
साथियों 2021 का यह नया साल हमारे लिए हेल्थ और हैप्पीनेस से भरपूर हो|सब निरोगी हों,आरोग्य ही सबसे अमूल्य है|गुजरा हुआ 2020 शायद हम सबके जीवन का कठिनतम वर्ष था जो हमसे हमारे प्यारों को छीन ले गया,कुछ न भर पाने वाले जख्म दे गया पर साथ ही साथ कुछ पाठ भी पढ़ा गया|कोरोना के तांडव से पूरा विश्व दहल गया चारों ओर बीमारी का साया और गम के बादल| ऐसे में हेल्थ और हैप्पीनेस ये दो चीजें इतनी अनमोल हो गयीं कि बड़ी से बड़ी बहुमूल्य वस्तुएं भी इनके आगे तुच्छ साबित हो गईं|स्वास्थ्य को लेकर इतनी जागरूकता शायद पहले कभी नहीं देखी गयी|इम्यूनिटी नया बज़ वर्ड हो गया|मार्केट इम्यूनिटी बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स से भर चुका है|हर कोई अपने अपने तरीके से इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय कर रहा है|कंपनियाँ नित नए इम्यूनिटी बूस्टर मार्केट में उतार रहे हैं|जानकारी की अधिकता से लोग कन्फ्यूज़ ज्यादा हो रहे हैं और कभी ये कभी वो उपाय अपना रहे हैं|कई तो सारे समय काढ़ा पी पीकर मुंह,गला तक जला ले रहे हैं तो कुछ विटामिन डी की ओवरडोज़ लेकर फायदा कम नुक्सान अधिक कर बैठे हैं|हम यह भूल जाते हैं कि अति सर्वत्र वर्जयते! हर चीज की तरह अच्छा स्वास्थ्य भी कुछ नियम संयम पालन से प्राप्त होता है|बाज़ार में उपलब्ध हर स्वास्थ्यवर्धक वस्तु का सेवन मात्र ही अच्छी हेल्थ की गारंटी नहीं है|वास्तव में अच्छा स्वास्थ्य पाना इतना भी कॉम्प्लीकेटेड नहीं है|यदि हम अपना बचपन याद करें और दादी,नानी की सीखें,मौसम व ऋतुओं के अनुसार खान-पान,शारीरिक व्यायाम जो शाम को खेलने और सायकिल से स्कूल कॉलेज जाते समय हो जाता था|दिन भर धमा-चौकड़ी मचा कर थक कर गहरी नींद में सोना ये सब छोटी छोटी रोजमर्रा की बातें जिनको हम ताउम्र टेकन फॉर ग्रांटेड लेते रहे हमारे स्वस्थ जीवन का राज थीं|फिर हमको छोटी छोटी बातों में खुश होना आता था यह खुशी आज शायद कहीं खो सी गयी है|ये याद रखना होगा ये जो ‘इम्यूनिटी’ है न ये सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने से नहीं आयेगी तन के साथ साथ मन को भी निरोग रखना होगा|कोरोना काल ने एक और तथ्य की तरफ ध्यान आकर्षित किया जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना के आक्रमण से नैराश्य एवं मानसिक दुर्बलता से जूझ रहा था तब बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने भी इनसे उभरने के लिए योग व ध्यान की शरण में जाने की सलाह दी|प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति में योग एवं ध्यान का महात्मय रहा है तो हम पश्चिम से इनका एंडोर्स होने का इंतज़ार क्यों करते हैं?
स्ट्रेस से इम्यूनिटी पर नकारात्मक प्रभाव
एक बात हमको ध्यान में रखनी होगी कि अच्छी इम्यूनिटी किसी एक घटक से निर्धारित नहीं होती है वरन यह एक बहुघटकीय प्रक्रिया है|ऐसी अनेक चीजें हैं जो प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष रूप से इसे प्रभावित करती हैं जिन्हें हम कई बार समझ भी नहीं पाते हैं जैसे स्ट्रेस इम्यूनिटी पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालता है|इसी तरह खान-पान,पर्याप्त मात्रा में पानी पीना,पूरी नींद लेना,शारीरिक व्यायाम के साथ साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण तन और मन के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं|उम्मीद है अच्छी इम्यूनिटी, सही लाइफस्टाइल,मास्क और वैक्सीन कोरोना से जंग में हमारे हथियार बनें और 2021 हम सबके जीवन को अच्छी हेल्थ और हैप्पीनेस से सराबोर कर दे|
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