..सिंधी साहित्यकार स्वर्गीय श्री कृष्ण खटवानी जी की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित

.. डॉ .चंद्रा सायता, डॉ .रश्मि रमानी की पुस्तकों का विमोचन

इंदौर। सिंधी समुदाय के लोगों को अपनी मातृभाषा में बात करना  चाहिए ताकि अगली पीढ़ी को भी उस भाषा की धरोहर मिल सके और इस तरह से अपनी  मातृभाषा को हम अधिक समय तक जीवित रख सकेंगे ।सबकी अपनी मातृभाषा होती है । विशेष अवसरों पर अपनी मातृभाषा में ही बात कहना चाहिए। यह कहना है सांसद शंकर ललवानी का। वे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मातृभाषा दिवस पर हिंदी साहित्य अकादमी भोपाल तथा सिंधू संस्कृति परिषद इंदौर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित  सिंधी साहित्यकार स्वर्गीय श्री कृष्ण खटवानी जी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में  बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि  संसद में अपनी बात मैंने  अपनी  मातृभाषा सिंधी में रखी, उसके लिए द्विभाषिए की आवश्यकता थी, किंतु वह रिटायर हो चुका था और बड़ी मुश्किलों से उसे बुलाया गया ताकि मैं   अपनी बात संसद में अपनी मातृभाषा  में  रख सकूं ।  70 साल में पहली बार ऐसा  हुआ  कि किसी सिंधी सांसद ने अपनी बात अपनी मातृ भाषा में रखी हो। ऐसा सब को करना चाहिए।। डॉ . विकास दवे  ने कहा कि सिंधी समुदाय के लिए आज विभाजन के बाद भारत में कोई विशिष्ट प्रांत नहीं है, किंतु उनके लिए सौभाग्य की बात है कि  वे देश के हर प्रांत में बसे है ।

विशिष्ट अतिथि कृष्ण मुरारी मोघे पूर्व सांसद एवं पूर्व महापौर इंदौर, श्रीमती मालिनी लक्ष्मण गौड़ पूर्व महापौर एवं विधायक इंदौर,डॉ . विकास दवे निदेशक साहित्य अकादमी भोपाल तथा श्री श्याम खटवाणी समाज सेवी सिंधी  साहित्य  अकादमी  के निदेशक  एच.आर.अहिरवार भी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

सिंधी  संस्कृति, साहित्य आदि पर कार्यक्रम प्रस्तुत  किए

अतिथियों ने  अपनी मातृभाषा के प्रयोग के लिए आग्रह  करते हुए विचार व्यक्त किए और विशेषकर सिंधी  समुदाय की परिस्थितियों और उनके उन्नयन की स्थिति को सराहा विशिष्ट अतिथि अधिकांशत हिंदी भाषी थे। इस अवसर पर सिंधी भाषा, सिंधी  संस्कृति, साहित्य आदि पर कार्यक्रम प्रस्तुत  किए गए।   सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चियों द्वारा पारंपरिक सिंधी लोक गीतों पर आधारित  नृत्य की प्रस्तुति दी गई  तथा स्वर्गीय श्री कृष्ण खटवानी द्वारा लिखित तथा  सिंधी  साहित्य अकादमी भोपाल के पूर्व निदेशक  अशोक बुलानी द्वारा निर्देशित दो लघु नाटिकाए बिछोड़ो तथा पहिजा- परावा प्रस्तुत की गई।

                                            काव्य गोष्ठी एवं काव्य  संग्रह  का विमोचन

सिंधी महिला साहित्यकारों की काव्य गोष्ठी में डॉ .चंद्रा सायता, डॉ .रश्मि रमानी, डॉ . नादिया मसंद तथा विनीता मोटलानी ने रचनाएं सुनाई तथा कृष्ण खटवानी के संदर्भ में संस्मरण प्रस्तुत किए। इस अवसर पर  डॉ .चंद्रा  सायता  की” छोलियू “( सिंधी हाइकु  संग्रह ) तथा डॉ . रश्मि रमानी  के काव्य  संग्रह  का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन विनीता मोटवानी ने किया । आभार सिंधू  संस्कृति परिषद के अध्यक्ष प्रकाश पारवानी ने किया।

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