माया कौल
एक पूरे फूले फूल ने, दूसरे कम फूले हुए,, फूल से कहा ,
देखो मैं तो मंदिर में जाऊंगा
और देवता के शीश पर चढ़ूंगा
मैंने पक्का कर ही लिया है,
तभी कम फूला हुआ फूल बोला
अरे उससे क्या होता है??
हम एक दिन बाद तो,, पूरी तरह फूल जाएंगे,
तब हम तो भाई किसी सुंदरी के बालों में ही लगेंगे,,
मुझे तो उन बालों में, लिपट के सोना जगना,
बहुत अच्छा लगता है, तीसरा बोला जो अभी बिल्कुल ही कली के रूप में था नहीं नहीं हम कहीं नहीं जाने वाले हम तो एक बच्चे की मुस्कुराहट में मुस्कुराएंगे हम उसी के साथ गिल्ली डंडा खेलेंगे जो चौथा था वह बोला आप सब यह बोल रहे हो यहां जाएंगे वहां जाएंगे हम तो एक ही जगह जाएंगे सब बोले कहां??
जहां भी आंदोलन होगा हम वहां जाएंगे क्योंकि आजकल एक नया शब्द हमको मिल गया है
आंदोलन
वहां बिकने में भी मजा है,,,,
और
खरीदे जाने में भी।