–आकाश –कार्तिकेय (A-K)
– शिवराज–कैलाश (S-K)
इंदौर।अभयप्रशाल में पिछले दिनों युवा संसद महोत्सव में कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के पुत्र कार्तिकेय न केवल साथ-साथ दिखे बल्कि आकाश विजयवर्गीय ने कार्तिकेय ( A-K) के लिए राजनैतिक प्लेटफॉर्म भी तैयार किया। इससे इन अफवाहों का अंत हो गया कि शिवराज चौहान व कैलाश विजयवर्गीय (S-K)में पटती नहीं है। लोग इनके बारे में कई सालों से झूठे अफवाहें ही फैला रहे थे कि शिवराज को हटा कर कैलाश विजयवर्गीय मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
लोग भूल जाते हैं कि कैलाश-शिवराज की दोस्ती कई दशकों पहले से है। दोनों की काफी गहरी छनती है। दोनों के परिजन एक साथ विदेश यात्रा भी कर चुके हैं।दोनों के बीच रिश्ते इतने मजबूत रहे कि राजनीतिक परिस्थितियों के बदलते समीकरण में भी इनके रिश्ते कभी नहीं बदले।

कार्तिकेय चौहान और विधायक आकाश विजयवर्गीय मंच पर एक साथ दिखे। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि कार्तिकेय और आकाश की जुगलबंदी से बीजेपी की राजनीति में बनते एक नए समीकरण का आगाज है। यानी प्रदेश भाजपा की राजनीति में दोनों युवा नेताओं ने अपने पिता के दोस्ताने रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए आपसी गठजोड़ किया है। कार्तिकेय और आकाश की जुगलबंदी का सफर कितना लंबा होगा यह भविष्य के गर्भ में है। युवा संसद से यह बात तो साफ होती नजर आ रही है कि भाजपा नेता पुत्रों को पार्टी की राजनीति इनके छत्रछाया में करनी होगी।
भारतीय युवा मोर्चा के जमाने से है दोस्ती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच दोस्ताना रिश्ते भारतीय युवा मोर्चा के जमाने से बने थे। मुख्यमंत्री चौहान और राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय कई बार सार्वजनिक मंच से इन दोस्ताना रिश्तों की कहानी बयां कर चुके हैं। जून 20 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के एक कार्यक्रम में विजयवर्गीय से बने संबंधों के बारे में कहा कि हमने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लेकर युवा मोर्चा तक साथ काम किया है। कोई कितना भी चाहे हमारे संबंधों को नजर नहीं लग सकती। राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के रिश्ते की कड़वाहट को लेकर खबरें सुर्खियों में रही। यह बात अलग है कि दोनों ही नेताओं ने अवसर मिलते ही एक-दूसरे से अच्छे संबंधों की दास्तां और उससे जुड़े किस्से सार्वजनिक कर विराम लगा दिया।
बल्लामार विधायक हैं आकाश
सरकारी अधिकारियों पर क्रिकेट का बल्ला उठाने के बाद आकाश विजयवर्गीय की देश भर में बदनामी बल्लामार के रूप में हुई जिससे वे अभी भी उबर नहीं पा सके हैं। यह जरूर है कि वे अपने क्षेत्र के सक्रिय विधायक है। वे अब भाषण भी अच्छा दे लेते हैं। शिवराज पुत्र जरूर आकाश के समान बल्ला नहीं घुमाएंगे। उनको बल्ला घुमाना भी होगा तो दोस्ताना क्रिकेट मैचों में विरोधी टीम के खिलाफ घुमाएंगे। यह उम्मीद तो की जा सकती है। दोनों ही परिवारों ने राजनीति से उपर उठकर दोस्ती को महत्व दिया जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है।