कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अंतत खुद ही घिर गए। उन्हें पूरे बंगाल में महिला विरोधी प्रचारित किया जा रहा है।पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 ज्यों-ज्यों नज़दीक आता जा रहा है, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के बीच कटुता बढ़ती जा रही है। दोनों एक दूसरे पर हमले भी तेज़ कर रहे हैं।

यह है मामला…

कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी की एक तस्वीर को ट्वीट किया, जिसमें वे एक आदिवासी गाँव में चूल्हे पर रखी एक बड़ी कड़ाही में कुछ पकाती हुई दिखती हैं। इसके साथ उन्होंने टिप्पणी भी की है, “पाँच महीने बाद जो करना ही पड़ेगा, दीदी ने वह काम करना शुरू कर दिया है।”

विजयवर्गीय यह कहना चाहते हैं कि पाँच महीने बाद होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में वह हार जाएंगी और उसके बाद घर बैठ कर खाना ही बनाना होगा।

इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए टीएमसी प्रवक्ता काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, “हमारा देश बीजेपी नेता जैसे लोगों से भरा पड़ा है जो महिला को रसोई घर वापस भेजना चाहते हैं।”

काकोली ने यह भी ट्वीट किया…
“यदि आप महिला हैं और आप सक्रिय राजनीति में आना चाहती हैं तो याद रखें-देश में बीजेपी के ऐसे स्त्री विरोधियों की भरमार है जो महिलाओं को रसोईघर भेजना चाहते हैं।”

काकोली घोष दस्तीदार, प्रवक्ता, तृणमूल कांग्रेस

उन्होंने कहा, “यह कल्पना भी नहीं की जा सकती है कि कैलाश विजयवर्गीय के परिवार की महिलाएं किन स्थितियों का सामना करती रही होंगी।”

नारी-विरोधी है कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी

पूर्व फ़िल्म अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहाँ ने कहा, ” कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी पूरी तरह नारी-विरोधी है। बीजेपी ने सीमा पार करते हुए हर उस स्त्री का अपमान किया है जो खाना पकाती है, घर के लिए व्यवस्था करती है और राजनीति में शामिल होने की इच्छा भी रखती है। इस समय देश की अकेली महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही हैं और बीजेपी उन्हें निशाने पर लेती है और उन्हें गालियाँ देती है।”

बीजेपी महिला मोर्चा ने किया बचाव
इस मुद्दे पर कैलाश विजयवर्गीय का बचाव ही किया है। महिला मोर्चा की अग्निमित्रा पाल ने अचरज जताते हुए सवाल किया है कि इसमें स्त्री-विरोधी होने की बात कहाँ से आ गई। उन्होंने कहा , “खाना बनाना कोई घटिया काम नहीं है। हमारी माँओं व दादी-नानी ने खाना बना कर हमारा पालन पोषण किया है। लाखों महिलाएं हैं, कामकाजी स्त्रियाँ हैं जो बड़े शौक से खाना बनाती हैं।”

उन्होंने इसके साथ ही टीएमसी नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के के उस बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने लोगों से पूछा था कि बीजेपी के लोग हमला करें तो क्या वे साड़ी-चूड़ी पहन कर बैठ जाएंगे?

खाना पकते देखा तो स्वयं खाना बनाने लगी

ममता बनर्जी कुछ दिन पहले बीरभूम ज़िले के दौरे पर थीं, जब उन्होंने रास्ता बदल लिया और एक आदिवासी गाँव जाकर लोगों से हालचाल पूछने लगीं। उन्होंने वहाँ खाना पकते देखा तो स्वयं वहां खाना बनाने लगी और महिलाओं से बात करने लगीं।कैलाश विजयवर्गीय ने उसी तसवीर को ट्वीट किया था।

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