कोलकाता. नोबेल पुरस्कार विजेता व देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जा किया है। यह आरोप गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के इस विश्वविद्यालय के प्रबंधन का है। अमर्त्य सेन ने कहा-हमारे पास लंबी अवधि का पट्टा है तो मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने इसे सेन का अपमान बताते हुए समूचे बंगाल का अपमान बताया।
विश्वविद्यालय ने बंगाल सरकार को पत्र के साथ भूखंडों पर क़ब्ज़े की एक सूची भेजी। उसका कहना है कि कई लोग विवि की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा किए हैं। कुछ लोगों ने तो यह जमीन बेच भी दी है। अमर्त्य सेन का बंगला प्रतीचि इसी परिसर में है। उनके दिवंगत पिता को क़ानूनी तौर पर 125 डिसमिल जमीन पट्टे पर दी गई थी। उन्होंने इसके साथ-साथ तेरह डिसमिल पर और कब्जा कर लिया।
इस बारे में सेन का कहना है कि विश्वभारती हमारा घर है। हमारे पास लंबी अवधि का पट्टा है। कुलपति हम लोगों को हटाने का बेवजह सपना देख रहे हैं। शांति निकेतन की संस्कृति व कुलपति (विद्युत चक्रवर्ती) में बड़ा अंतर है। वह केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त हैं। विश्व भारती प्रबंधन के अनुसार 1980 तथा 1990 के बीच गलत रिकॉर्ड तैयार किए गए थे।
ममता बैनर्जी इस मामले में स्वभाव के अनुरूप हमलावर रहीं। कहा-अमर्त्य दा, इन्हें माफ करना। इन्हें नहीं पता कि आप जैसे लोगों का सम्मान कैसे करना चाहिए। यहाँ जानना होगा कि सेन मोदी सरकार के बड़े आलोचक हैं।