भारत का नेतृत्व कई ऐसे महान नेताओं ने किया है जिन्होंने भविष्य के लिए एक मिसाल कायम की है और उन्होंने हर किसी के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया है। भारत के इतिहास में ऐसे ही एक लीडर हैं एक-महानायक डॉ बी.आर. आम्बेडकर, जो एक क्रांति लेकर आए और एक ऐसी आवाज बने जिस पर सबने भरोसा किया। उन्हें भारतीय संविधान का संस्थापक जनक भी कहा जाता है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने लाखों भारतीयों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई। उत्कृष्टता से परे एक ऐसे लीडर, जिसकी विरासत अद्वितीय है। जहां पूरा देश बाबासाहेब को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहा है तो वही एण्डटीवी के शो एक महानायक डॉ बी.आर.आम्बेडकर के कलाकारों- भीमाबाई (नेहा जोशी), रामजी सकपाल (जगन्नाथ निवानगुने) और मीराबाई (फाल्गुनी दवे) ने बाबासाहेब से उन्हें उनकी जिंदगी में मिली सीख के बारे में बात की।
नेहा जोशी (भीमाबाई) ने कहा, श्बाबासाहेब को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और वह अपने जमाने के सबसे बेहतरीन वकीलों में से एक थे। वह भारत के पहले कानून मंत्री थे और कानून को लेकर उनके व्यापक ज्ञान के कारण उन्हें भारत के संविधान की ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया था। उनका हमेशा मानना था कि ज्ञान स्वतंत्र और असीम है। उन्हें 64 विषयों में महारथ हासिल थी और वह नौ भाषाएं जानते थे। ज्यादा से ज्यादा ज्ञान पाने की उनकी जो खोज थी उसने मुझे हमेशा प्रेरित किया है, और मैं भी इस बात पर यकीन करती हूं कि ज्ञान अपने खुद के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है। मुझे पढ़ने की बहुत आदत है क्योंकि इससे आपका दिमाग खुलता है जिससे आप दुनिया में चल रही ज्यादा से ज्यादा चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।श्
जगन्नाथ निवानगुने (रामजी सकपाल) ने कहा, दो लड़कियों का पिता होने के नाते, मैं उनके महिला सशक्तिकरण और शिक्षा की विचारधाराओं से बहुत ज्यादा सहमति रखता हूं। मेरा मानना है कि एक शिक्षित महिला एक देश के लिए सफलता की कुंजी है। उनके एक फेमस वक्तव्य को कहते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक समुदाय के विकास को उस विकास से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है। बाबासाहेब ने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए शिक्षा को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया। उनका यह दृढ विश्वास था कि महिलाओं को सशक्त बनाने से ही सिर्फ समाज की प्रगति हो सकती है। उन्होंने उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए हमेशा महिलाओं के अधिकार का समर्थन किया।

फाल्गुनी दवे (मीरबाई) ने अपनी बात रखते हुए कहा, मैं पिछले 30 साल से इस इंडस्ट्री में काम कर रही हूं और लोगों को ऊपर पहुंचने के लिए मैंने लोगो को शॉर्टकट अपनाते हुए देखा है। शायद यह आपको सफलता की तरफ ले जा सकता है लेकिन यह कम समय तक होगी और लम्बे समय तक काम नहीं करेगी। बाबा साहेब हमेशा कहा करते थे, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प इसे हासिल करने का प्रमुख तत्व है। उनकी यह सीख हमेशा मेरे साथ रही, और मैंने हमेशा कड़ी मेहनत की, खुद पर काम किया और मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी शिक्षा की वजह से ही हूं।
बाबासाहेब कई लोगांे के लिए प्रेरणास्रोत थे और आज भी हैं। उनकी 64वीं पुण्यतिथि पर आईये उन्हें सलाम करें। इस पावन अवसर पर आईये हम सब मिलकर उस महान नेता को और उनकी शिक्षाओं को याद करें।
देखिये ‘एक महानायक डॉ बी.आर. आम्बेडकर‘, हर सोमवार से शुक्रवार रात 8रू30 बजे केवल एण्डटीवी प