नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के बॉर्डर हो रहे किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के बीच केंद्र सरकार के मंत्रियों ने सफाई देनी शुरू कर दी है. केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों से अपील की है कि वो कृषि कानून को लेकर गलतफहमी में ना रहें. किसानों की फसल खरीदने के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म नहीं किया गया है. नया कृषि कानून किसानों के हित में है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके कहा, ‘कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें. पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा MSP पर बेचा. MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है.
वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं. मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी. नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है. जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर.
अपनी शर्तों पर सरकार से बातचीत को तैयार किसान
सरकार बातचीत को तैयार है लेकिन किसान दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर अड़े हैं कि बातचीत यहीं होगी. किसान न तो दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा तय किए गए प्रदर्शन स्थल पर जा रहे हैं और ना ही दिल्ली बॉर्डर से हट रहे हैं. किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है.
रविवार को किसान संगठनों की मीटिंग के बाद किसानों ने साफ कर दिया कि किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) के लिए बुराड़ी (Burari) नहीं जाएंगे और दिल्ली (Delhi) के 5 प्वाइंट पर धरना देंगे. किसानों की मांग है कि सरकार बिना शर्त उनसे बातचीत करे और उन्हें रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर आंदोलन करने की इजाजत दे.
दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर अड़े किसान
बता दें कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर और दिल्ली-बहादुरगढ़ के टिकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. इसके अलावा दिल्ली गेट पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली-गुरुग्राम के बॉर्डर पर किसी तरीके का कोई जाम नहीं है. किसान अब ‘दिल्ली चलो’ का नहीं बल्कि नया नारा ‘दिल्ली घेरो’ लगा रहे हैं.
कल रात हुई केंद्रीय मंत्रियों की हाई लेवल मीटिंग
रविवार को देर रात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल मीटिंग हुई थी. मीटिंग में बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि मीटिंग करीब 2 घंटे तक चली.
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई. सारे हालात की समीक्षा की गई और गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद किसानों की प्रतिक्रिया और उनके नेताओं के बयानों पर भी बातचीत की गई.
गौरतलब है कि लोकतंत्र में संवाद से ही समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन मुश्किल ये है कि सरकार बातचीत को तैयार है फिर भी किसानों की जुबान पर ललकार है.